मंत्र का गलत उच्चारण या विधिपूर्वक जप न करने से नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। स्वरोदय विद्या में शिवजी ने बताया है कि पत्नी के चन्द्र स्वर को पुरूष अपने सूर्य चन्द्र द्वारा ग्रहण करके प्राण में स्थिर कर दे तो पत्नी आजीवन वशीभुत रहती है। जो व्यक्ति अपना https://www.youtube.com/shorts/FXiuRFnzRKs
The Smart Trick of Tantra That No One is Discussing
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