तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु https://www.instagram.com/reel/DFWTy0gvMKk/
5 Easy Facts About Hanuman mantra Described
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